भोपाल
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले को उद्योग के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि मिलने वाली है। रायसेन तहसील के ग्राम चिलवाहा में बायो गैस संयंत्र (biogas plant) की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के ग्लोबल बायो फ्यूल एलायंस के तहत कपर्दी बायो एनर्जी लिमिटेड द्वारा चिलवाहा में बायोगैस संयंत्र लगाया जा रहा है। जिसमें हर दिन पांच टन बायो गैस और 50 टन बायोमास पैलेट का निर्माण होगा। खास बात यह कि ये उत्पाद नरवाई से बनाए जाएंगे, जो जिले के किसानों से ही खरीदी जाएगी। संयंत्र लगाने के लिए कंपनी ने पांच एकड़ जमीन पर कार्य शुरू कर दिया है। फिलहाल जमीन की लेवलिंग का काम किया जा रहा है।
कंपनी के कार्यकारी अधिकारी अभिषेक पाठक ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस का शुभारंभ किया था, जिसके तहत 2030 तक शुद्ध-शून्य कार्बर उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया था। इसी के तहत बायो गैस प्लांट की स्थापना जिले में की जा रही है।
रायसेन. संयंत्र लगाने शुरू हुआ काम।
बायो गैस प्लांट बनने के बाद होंगे ये फायदे
नरवाई से बनाएंगे बायो गैस तथा बायोमास पैलेट
स्थानीय किसानों से नरवाई (पराली) खरीदी जाएगी। जिससे किसानों को फायदा होगा।
किसान नरवाई जलाना बंद करेंगे।
पर्यावरण सुरक्षित होगा।
क्षेत्र में बायो गैस के उपयोग से पर्यावरण सुरक्षित होने के साथ तापमान पर नियंत्रण होगा।
15 हजार हैक्टेयर फसल की नरबाई का उपयोग बायो गैस बनाने में होगा।
संयंत्र में गोवंश के अवशेष का उपयोग भी बायोगैस बनाने में किया जाएगा, जिससे गोवंश पालकों को भी अतिरिक्त आय होगी।
संयंत्र में गैस बनाने से जैविक खाद बनेगा, जिसे किसानों को दिया जाएगा।
यह खाद पूर्ण जैविक होगा, जिससे किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ने के साथ रसायनों से मुक्ति मिलेगी।
किसानों के साथ पर्यावरण को फायदा
अभिषेक पाठक ने बताया कि चिलवाहा में बनने वाली बायो गैस और बायोमास पैलेट इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड को देंगे, जिसके जरिए यह उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी। गैल कंपनी से भी इस संबंध में अनबंध किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिले में गैल कंपनी ने रसोई गैस सप्लाई पर काम शुरू किया है। घरों में पाइप लाइन लगाई जा रही है।