नई दिल्ली
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर कानून बनाना सुप्रीम कोर्ट का ही काम है, तो फिर संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। दुबे का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में वक्फ एक्ट में हुए संशोधनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस संशोधित कानून के तहत ‘वक्फ बाय यूजर’ जैसी धाराएं और गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्डों में शामिल करने का प्रावधान संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से स्पष्ट आश्वासन मांगा। सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड या परिषद में किसी गैर-मुस्लिम की नियुक्ति नहीं होगी और पहले से नोटिफाइड वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा। साथ ही जिलाधिकारियों को भी आदेश दिया गया है कि वे इन संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव न करें।
इस पर कोर्ट ने सरकार से एक सप्ताह के भीतर प्रारंभिक जवाब और संबंधित दस्तावेज दाखिल करने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। गौरतलब है कि यह सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही है। बुधवार और गुरुवार को लगातार दो दिन चली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने वक्फ एक्ट की कुछ धाराओं पर गहरी चिंता जताई। अदालत ने यह भी संकेत दिया है कि वह संशोधित कानून की कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगाने पर विचार कर सकती है।