नहीं थम रहा हादसों का कहर, बस-ट्रक की भीषण टक्कर में डेढ़ दर्जन घायल

नहीं-थम-रहा-हादसों-का-कहर,-बस-ट्रक-की-भीषण-टक्कर-में-डेढ़-दर्जन-घायल

मुंगेली

मुंगेली जिले के जरहागांव थाना क्षेत्र में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को पथरिया मोड़ के पास एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ, जहां यात्री बस और ट्रक की आमने-सामने टक्कर में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती कराए गए है। लेकिन ये हादसा अकेला नहीं है। महज 15 दिन पहले थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर रात के अंधेरे में हुए एक सड़क हादसे में 29 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी। दुर्भाग्य की बात ये है कि आज तक न आरोपी वाहन चालक व वाहन का पता चला, न ही यह साफ हो पाया कि दुर्घटना कैसे हुई। परिजनों का कहना है कि जांच की रफ्तार इतनी धीमी है कि परिजन आज भी न्याय की आस में हैं।

धरमपुरा से बरेला तक की सड़क को लगातार हो रहे हादसों के कारण कथित तौर पर स्थानीय लोग ‘रेड जोन’के रूप में देख रहे है, लेकिन न सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, न बैरियर पर निगरानी व्यवस्था। जिला बॉर्डर और थानों के पास सुरक्षा कैमरे तक नहीं लगे हैं, जिससे दुर्घटनाओं के कारणों की जांच या दोषियों की पहचान मुश्किल हो जाती है।आलम ये है कि जरूरत पड़ने पर कि निजी घरो अथवा दुकानों के सीसीटीवी कैमरे पर पुलिस को निर्भर रहना पड़ता है।
क्या जान की कीमत इतनी सस्ती है?

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर हादसे के बाद जांच और वादे तो होते हैं, लेकिन स्थायी समाधान आज तक नहीं निकला। तेज रफ्तार, लापरवाही और प्रशासन की निष्क्रियता की ये त्रासदी अब लोगों की जान लेने लगी है।

स्थानीयों की मांग

स्थानीय रहवासियों एवं राहगीरों की ये मांग है कि कथित रेड जोन में सीसीटीवी कैमरे और स्पीड मॉनिटरिंग उपकरण लगाए जाएं। बैरियर और बॉर्डर एरिया में निगरानी व्यवस्था हो। थानों को सक्रिय रूप से दुर्घटनाओं की जांच करनी चाहिए। हादसों की स्वतंत्र जांच और समयबद्ध रिपोर्ट पेश हो, क्योंकि सवाल अब सिर्फ हादसे का नहीं, व्यवस्था की संवेदनहीनता का है। क्या जिम्मेदार अब भी नही जागेंगे?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *