भोपाल
मध्य प्रदेश का पन्ना जिला हीरों के लिए प्रसिद्ध है. ऐसे में पन्ना के हीरा को जीआई टैग (Geographical Indication Tag) मिल सकता है. साल के अंत तक जीआई टैग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसके लिए केंद्र एग्जामिनेशन रिपोर्ट तैयार कर रहा है.
दरअसल, पत्रा के डायमंड में हल्का हरा रंग दिखता है. जबकि दुनिया के दूसरे हिस्से में मिलने वाले हीरे में या तो रंग नहीं होता या प्रकाश पड़ने पर बहुत से रंग एक साथ दिखते हैं. साथ ही पन्ना डायमंड में वीक कार्बन लाइन स्पष्ट होती है. इसके सहारे उसमें नक्काशी या डिजाइन बहुत आसान हो जाती है, जो दुनिया के दूसरे हीरों में उपलब्ध नहीं होती. सघनता और खास चमक भी पन्ना के हीरों को खास बनाती है.
पन्ना के खजिन अधिकारी की मानें तो केंद्र के अधिकारी प्रेजेंटेशन के आधार पर एग्जामिनेशन रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसमें बिंदुवार जीआई टैग से जुड़ी जानकारी मांगी जाएगी. केंद्र के अधिकारी अगर जवाब से संतुष्ट होंगे तो 6 से 8 महीने प्रक्रिया पूरी कर नोटिफिकेशन हो जाएगा. मार्च में राजधानी में प्रेजेंटेशन के बाद अब केंद्र आगे की प्रक्रिया कर रहा है. जीआई टैग मिलने पर निश्चित ही पन्ना के हीरे को नई पहचान मिलेगी.