अधिकाधिक राष्ट्रीय राजमार्गों की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार से करें बेहतर समन्वय: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

अधिकाधिक-राष्ट्रीय-राजमार्गों-की-मंजूरी-के-लिए-केंद्र-सरकार-से-करें-बेहतर-समन्वय:-मुख्यमंत्री-डॉ.-यादव

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सड़क विकास के काम में हम किसी से भी पीछे न रहें। प्रदेश में सड़कों विशेषकर अधिक यातायात वाले राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्गों के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से उच्च कोटि का समन्वय करें। आपसी संवाद में कोई कमी न रखें, ताकि राजमार्गों की मंजूरी और निर्माण के कामों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में प्रदेश में प्रगतिरत राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में लोक निर्माण एवं एनएचएआई के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को पूरी गुणवत्ता (परफार्मेंस गारंटी) के साथ तय समय-सीमा में ही पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजमार्ग परियोजनाओं से जुड़े भू-अधिग्रहण के लंबित मामलों को आपसी वार्ता के जरिए शीघ्र सुलझाया जाए। बैठक में बताया गया कि गत वित्त वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश फोर लेन राष्ट्रीय राजमार्ग मंजूर कराने के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर रहा है। यह मध्यप्रदेश को केंद्र सरकार द्वारा दी गई बड़ी सौगातों में से एक है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति एवं प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा कर जानकारी ली। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर में बाबा महाकाल मंदिर के पास से एक एलिवेटेड रोड बनाया जा सकता है, जो रेलवे स्टेशन को सीधा कनेक्ट करे। इससे महाकाल दर्शन के लिए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का बेहतर तरीके से यातायात प्रबंधन किया जा सकेगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी 10 अप्रैल को बदनावर आएंगे

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को एनएचएआई के अधिकारियों ने अवगत कराया गया कि आगामी 10 अप्रैल को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी धार जिले के बदनावर आएंगे। यहां वे एक गांव में एनएचएआई द्वारा निर्मित की गईं 218 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकर्पण करेंगे। इनकी कुल लागत 3502 करोड़ रुपए है। इसी प्रकार एनएचएआई द्वारा निर्मित की जाने वाली 110 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भूमिपूजन भी इसी अवसर पर केंद्रीय मंत्री द्वारा किया जाएगा। इन सभी निर्माण कार्यों की लागत 2330 करोड़ रुपए है।

मुख्यमंत्री प्रदेश की 7 प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्री गडकरी से करेंगे आग्रह

बैठक में एनएचएआई के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश में नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की 7 परियोजनाएं पाइप लाइन में हैं। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलना शेष है। यह जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन अत्यधिक आवश्यकता वाले मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित करने के लिए वे स्वयं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी से आग्रह करेंगे। बताया गया कि बदनावर-पेटलावद-थांदला 4 लेन मार्ग निर्माण (लंबाई 80 किमी, लागत 1500 करोड़ रु.), पूर्वी इंदौर बायपास मार्ग निर्माण (लंबाई 77 किमी, लागत 3500 करोड़ रु.) एवं उज्जैन-झालावाड़ 4 लेन मार्ग का निर्माण कार्य (लंबाई 134 किमी, लागत 2200 करोड़ रु.) अत्यंत जरूरी है। यह तीनों राजमार्ग विकास कार्य 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे। इसी प्रकार मिसरौद से औबेदुल्लागंज खण्ड रा.रा.- 46 का 6 लेन में उन्नयन एवं निर्माण (लंबाई 19.32 किमी, लागत 280 करोड़ रु.), ग्वालियर-भिण्ड से म.प्र/उ.प्र. की सीमा तक रा.रा.- 719 का 4 लेन मय पेव्हड शोल्डर में उन्नयन एवं निर्माण (लंबाई 96 किमी, लागत 3125 करोड़ रु.) तथा सतना-चित्रकूट खण्ड रा.रा.- 135 बीजी का 4 लेन में उन्नयन एवं निर्माण (लंबाई 80 किमी, लागत 1500 करोड़ रु.) प्रस्तावित है। इसी तरह लखनादौन से रायपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (लंबाई 200 किमी, लागत लगभग 5985 करोड़ रु.) के निर्माण के लिए बालाघाट और लांजी तहसील के जनजातीय क्षेत्र से गुजरने वाले एकरेखण(अलाइमेंट) के विकल्प को प्राथमिकता दी जानी है। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। यह परियोजनाएं सिर्फ़ भू-अधिग्रहण एवं वन अनुमतियां न मिलने की वजह से अबतक मंजूर होने से शेष हैं।

बैठक में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में कुल 9664 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग उपलब्ध हैं। इसमें से 5428 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग एनएचएआई के अधीन हैं। शेष 4236 किमी लंबाई युक्त राष्ट्रीय राजमार्गों का संधारण लोक निर्माण विभाग (3990 किमी) एवं म.प्र. सड़क विकास निगम (846 किमी) द्वारा किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्रीय सरकार द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए 3935 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। गत वित्त वर्ष की कार्य योजना अंतर्गत 8 नवीन कार्यो के लिए 3412 करोड़ रुपए के प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में स्वीकृति के लिए प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोड नेटवर्क बढ़ाने के लिए हम केंद्र सरकार से लगातार सम्पर्क में हैं और बहुत जल्द ही प्रदेश को नए राष्ट्रीय राजमार्ग मंजूर होने वाले हैं।

बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, म.प्र. सड़क विकास निगम के एमडी भरत यादव, एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *